गुरुवार, 31 दिसंबर 2015

"साधना-पथ"

"साधना-पथ" वेदों ने जीवों के कल्याण का एक मात्र उपाय बताया है और वो है भगवत-भक्ति का मार्ग, साधना का मार्ग, हमारी साधना कैसी हो, हम किन रास्तों का सहारा लें, और इस साधना पद में क्या कठिनाइयाँ होगी, कैसे हम इस पथ पर निरंतर आगे बढ़ सकते हैं, (प्रभु कृपा से )कैसे जाने की हम सही रह पर हैं या नहीं आदि आदि  
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"भगवांन की सर्वव्यापकता"

नाम रूप लीला गुण और धाम, और इस में एक और भी जोड़ लें भगवान के भक्त। "भगवांन की सर्वव्यापकता"। वेद ब्रह्म को अनंत अनादि सर्वव्यापक आदि-आदि से इंगित करता है,  वेद में वर्णित है ॐ  पूर्ण मिदम्। ... नाम रूप लीला गुण  धाम सब में भगवान का ही रूप है 
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"भगवत-भक्ति में उपासना का महत्त्व"

"भगवत-भक्ति में उपासना का महत्त्व" हरि ॐ,  आज की चर्चा में आप सभी विज्ञ जनों का स्वागत है। आप सभी ने भाग-दौड़ भरे इस जीवन में अपने लिए तोड़ा समय निकला, इसके लिए आप सभी को साधुवाद देता हूँ।आज का विषय है "भगवत-भक्ति में उपासना का महत्त्व"।
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